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वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण के लिए बड़ी पहल, किरेन रिजिजू ने लॉन्च किया 'उम्मीद' पोर्टल

Edited by: अनिल कुमार|आईएएनएस

केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरन रिजिजू ने शुक्रवार को 'उम्मीद' (एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तिकरण, दक्षता और विकास) पोर्टल लॉन्च किया। यह पोर्टल देश भर की वक्फ संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन के प्रोसेस को पारदर्शी और डिजिटल करने में मददगार होगा।

waqf portal
(फोटो- नवभारतटाइम्स.कॉम)
नई दिल्ली: केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरन रिजिजू ने शुक्रवार को 'उम्मीद' (एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तिकरण, दक्षता और विकास) पोर्टल लॉन्च किया। यह पोर्टल देश भर की वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण की प्रक्रिया को पारदर्शी और डिजिटल बनाने के उद्देश्य से शुरू किया गया है। डिजिटल इंडिया पहल के तहत शुरू किए गए इस पोर्टल के माध्यम से अब सभी वक्फ बोर्डों की संपत्तियों का निर्धारित समयसीमा के भीतर रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। यह कदम वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और प्रशासन को सशक्त, प्रभावी और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक अहम पहल माना जा रहा है।

'उम्मीद' पोर्टल बड़ा कदम

पोर्टल के शुभारंभ के अवसर पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज 'उम्मीद' पोर्टल का शुभारंभ एक बड़ा कदम है। प्रधानमंत्री मोदी पहले भी कह चुके हैं कि स्वतंत्रता के बाद देश में जो महत्वपूर्ण सुधार हुए हैं, उनमें वक्फ संशोधन अधिनियम भी एक बड़ा कदम है। यह कोई सामान्य निर्णय नहीं है, बल्कि करोड़ों लोगों के जीवन को प्रभावित करने वाली एक ऐतिहासिक पहल है।"

9 लाख से अधिक वक्फ संपत्तियां

रिजिजू ने बताया कि देश में 9 लाख से अधिक वक्फ संपत्तियां हैं। आने वाले समय में इन सभी का पंजीकरण इस पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा। उन्होंने कहा, "हमने अधिनियम के अनुसार एक निश्चित समयसीमा तय की है, जिसमें संपत्तियों का पंजीकरण होना है। प्रक्रिया पूरी तरह स्पष्ट और सुविधाजनक है। इसमें किसी प्रकार की असुविधा नहीं होगी और सब कुछ पारदर्शी रहेगा। मैं सभी राज्य सरकारों और वक्फ बोर्डों से अपील करता हूं कि वे तय समयसीमा का कड़ाई से पालन करें।"

'ओटीपी' आधारित होगा रजिस्ट्रेशन

बता दें कि वक्फ संपत्तियों का पंजीकरण 'ओटीपी' आधारित होगा। तीन स्तरों पर सत्यापन किया जाएगा। प्रत्येक संपत्ति को 17 अंकों की एक विशिष्ट पहचान संख्या दी जाएगी। इसके साथ ही, एक केंद्रीकृत हेल्पलाइन भी जारी की जाएगी, ताकि वक्फ बोर्डों को किसी भी तरह की तकनीकी सहायता आसानी से मिल सके। हालांकि, इस पहल को लेकर कुछ मुस्लिम संगठनों की ओर से आपत्ति भी दर्ज की गई है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस संशोधित वक्फ कानून को "असंवैधानिक" बताते हुए विरोध किया है।

वहीं, सरकार का कहना है कि इस पोर्टल से न केवल वक्फ संपत्तियों का डिजिटलीकरण और संरक्षण सुनिश्चित होगा, बल्कि उनके पारदर्शी और जवाबदेह उपयोग को भी बढ़ावा मिलेगा। यह पोर्टल उन लोगों के लिए "उम्मीद" की एक नई किरण साबित हो सकता है, जिनका जीवन वक्फ संपत्तियों से जुड़े संस्थानों और सुविधाओं पर आधारित है।
अनिल कुमार
लेखक के बारे में
अनिल कुमार
अनिल पिछले एक दशक से अधिक समय से मीडिया इंडस्ट्री में एक्टिव हैं। दैनिक जागरण चंडीगढ़ से 2009 में रिपोर्टिंग से शुरू हुआ सफर, दैनिक भास्कर, राजस्थान पत्रिका, अमर उजाला, जनसत्ता.कॉम होते हुए नवभारतटाइम्स.कॉम तक पहुंच चुका है। मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं लेकिन पढ़ाई-लिखाई दिल्ली से हुई है। स्पोर्ट्स और एजुकेशन रिपोर्टिंग के साथ ही सेंट्रल डेस्क पर भी काम करने का अनुभव है। राजनीति, खेल के साथ ही विदेश की खबरों में खास रुचि है।... और पढ़ें
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