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ऑपरेशन सिंदूर पर विदेश दौरे से लौटे प्रतिनिधिमंडलों से मिल रहे विदेश मंत्री जयशंकर, मिल रहा तरह-तरह का फीडबैक

Written by: अंजन कुमार|नवभारतटाइम्स.कॉम

विदेश मंत्री एस जयशंकर से 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा के लिए विभिन्न देशों में भेजे गए प्रतिनिधिमंडलों ने मुलाकात की। इन सदस्यों ने अपनी यात्राओं से प्राप्त जानकारी सरकार को दी। प्रतिनिधिमंडलों ने देशों को भारत का दृष्टिकोण समझाया।

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(फोटो- नवभारतटाइम्स.कॉम)
नई दिल्ली: विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर से ऑपरेशन सिंदूर पर बात करने के लिए अलग-अलग देशों में भेजे गए तीन प्रतिनिधिमंडलों के सदस्यों ने मुलाकात की। इन प्रतिनिधिमंडलों ने अपनी यात्राओं से मिली जानकारी भारत सरकार के साथ साझा की। इसमें भारत की आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई पर हुई बातचीत की प्रगति भी शामिल थी। इसके अलावा, इन दूतों ने व्यापार, वाणिज्य और पर्यटन पर भी महत्वपूर्ण सुझाव दिए। ये सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल जिन देशों में गया था, वहां उन्होंने भारत की बात भी रखी और आतंकवाद से निपटने, व्यापार और पर्यटन जैसे मुद्दों पर भी चर्चा की।

प्रतिनिधिमंडल ने बताया क्या हुई दुनिया के देशों से बात

सूत्रों के अनुसार दक्षिण कोरिया ने भारत में अपने निवेश और देश में काम कर रही 600 से अधिक दक्षिण कोरियाई कंपनियों की स्थिति के बारे में जानकारी ली। भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव का निवेश के माहौल और दक्षिण कोरियाई कंपनियों की सुरक्षा पर पड़ने वाले संभावित नकारात्मक प्रभाव को लेकर चिंता जताई गई। वहीं, जापान, मलेशिया और इंडोनेशिया ने भारत में पर्यटन की मौजूदा स्थिति के बारे में सवाल उठाए। सूत्रों का कहना है कि भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने दक्षिण कोरिया को भारत की अर्थव्यवस्था की स्थिरता और उसके निवेश की सुरक्षा के बारे में आश्वासन दिया। उन्होंने यह भी कहा कि भारत पाकिस्तान को ज्यादा महत्व नहीं देता है। सीमित संघर्ष पाकिस्तान की आतंकवाद को बढ़ावा देने की नीति का जवाब था। यह स्पष्ट किया गया कि आसियान (ASEAN) देश एक-दूसरे के क्षेत्र में आतंकवाद का समर्थन नहीं करते हैं, जैसा कि पाकिस्तान भारत के साथ करता है।

भारत ने बताया कि उसे क्यों शुरू करना पड़ा ऑपरेशन सिंदूर

पर्यटन के बारे में, प्रतिनिधिमंडलों ने अन्य देशों को आश्वासन दिया कि पहलगाम हमले के बाद जम्मू और कश्मीर में स्थिति सामान्य हो रही है। पहलगाम में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक हुई और अन्य क्षेत्रों में पर्यटन गतिविधियां सामान्य रूप से चल रही हैं। इस बात पर जोर दिया गया कि पहलगाम में पर्यटकों पर आतंकवादी हमला देश भर में पर्यटकों की सुरक्षा के लिए व्यापक खतरे को नहीं दिखाता है। इसी तरह के सवाल यूक्रेन-रूस युद्ध और इजरायल-हमास युद्ध पर भारत के रुख के बारे में भी उठाए गए। प्रतिनिधिमंडल ने दौरा करने वाले देशों को बताया कि भारत का रुख हमेशा शांति के पक्ष में रहा है। पाकिस्तान के प्रति इसकी प्रतिक्रिया को आक्रामक नहीं समझा जाना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि भारत का रुख तटस्थ नहीं था, बल्कि शांति के पक्ष में था।

विदेशी पत्रकारों के साथ बेहतर ढंग से जुड़ने का भी सुझाव

मुस्लिम बहुल देशों की यात्रा करने वाले कई प्रतिनिधिमंडल सदस्यों ने सरकार से ओआईसी (OIC) जैसे मंचों पर एक मजबूत आवाज स्थापित करने पर विचार करने का अनुरोध किया। इन मंचों पर भारत की सदस्यता नहीं है और पाकिस्तान की सदस्यता के कारण सुनवाई एकतरफा होती है। प्रतिनिधिमंडलों ने सभी दौरा किए गए देशों को स्पष्ट रूप से ओआईसी (OIC) और एफएटीएफ (FATF) जैसी बैठकों में भारत के दृष्टिकोण को प्रस्तुत करने की आवश्यकता बताई। प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने विदेशी पत्रकारों के साथ बेहतर ढंग से जुड़ने का भी सुझाव दिया। इनमें से कई ने भारत की आलोचना करते हुए लेख प्रकाशित किए हैं, जबकि मामला पाकिस्तान के खिलाफ है। इन प्रतिनिधिमंडल सदस्यों ने कथित तौर पर विदेश मंत्री को बताया कि पश्चिमी मीडिया उनकी यात्राओं के दौरान प्रतिकूल रहा है।

विदेश मंत्री ने सर्वदलीय सांसदों से क्या कहा

विदेश मंत्री ने भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए प्रत्येक प्रतिनिधिमंडल सदस्य को धन्यवाद दिया। उन्होंने घरेलू राजनीतिक मतभेदों के बावजूद उनके प्रयासों की सराहना की। उन्होंने यह भी बताया कि इन देशों में राजदूतों और वाणिज्य दूतावासों से मिली प्रतिक्रिया बहुत सकारात्मक रही है। Network 18 ने सूत्रों के अनुसार बताया है कि एस जयशंकर ने प्रतिनिधिमंडल से कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चाहते हैं कि आप जो प्रतिक्रिया लेकर आए हैं, उसे मैं नोट कर लूं और हम इसे पूरी गंभीरता से कर रहे हैं।' विदेश मंत्री ने कथित तौर पर कहा, 'आपकी बातचीत वहां बहुत अधिक आकर्षक और खुली रही होगी, क्योंकि आम तौर पर सरकार-से-सरकार की बातचीत के दौरान चीजें आम तौर पर औपचारिक होती हैं।'
अंजन कुमार
लेखक के बारे में
अंजन कुमार
अंजन कुमार बीते 23 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में योगदान दे रहे हैं। आपने जामिया मिलिया इस्लामिया से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। आप डेढ़ दशकों तक टीवी पत्रकारिता में सेवाएं देने के बाद से डिजिटल मीडिया में कार्यरत हैं। राजनीति और सम-सामयिक विषयों पर विश्लेषणात्मक लेख लिखने में आपकी खास रुचि है। जुडिशरी से जुड़े विषय भी आपका पसंदीदा क्षेत्र है। बिजनेस, इंटरनेशनल और डिफेंस जैसे विषयों पर भी विशेष लेख लिखने में आपकी दिलचस्पी है।... और पढ़ें
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