सवाई माधोपुर: प्रदेश के सबसे बड़े रणथंभौर टाइगर रिजर्व में टाइगर अटैक की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। सोमवार को एक बार फिर टाइगर हमले में 60 वर्षीय राधेश्याम माली की दर्दनाक मौत हो गई। इस घटना के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने वन विभाग के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए सवाई माधोपुर-कुंडेरा मार्ग पर जाम लगा दिया। ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग की लापरवाही के चलते ये हादसे हो रहे हैं।
टाइगर हमले में राधेश्याम माली की मौत
जानकारी के अनुसार, राधेश्याम माली पिछले 20 सालों से रणथंभौर दुर्ग स्थित जैन मंदिर में सेवा कार्य कर रहे थे। सोमवार को एक टाइगर ने उन पर हमला कर दिया और उनकी मौत हो गई। सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और कड़ी मशक्कत के बाद राधेश्याम के शव को बरामद कर जिला अस्पताल भेजा।
ग्रामीणों का वन विभाग पर गुस्सा, सड़क जाम
घटना की सूचना पर मृतक के परिजनों सहित आसपास के गांवों के ग्रामीण गणेश धाम स्थित रणथंभौर के प्रवेश द्वार पर पहुंचे। गुस्साए ग्रामीणों ने वन विभाग के खिलाफ नारेबाजी की और धरने पर बैठ गए। ग्रामीणों ने सवाई माधोपुर-कुंडेरा मार्ग पर जाम लगा दिया। उनका आरोप है कि वन विभाग का पूरा ध्यान पर्यटन पर है, जबकि टाइगर्स की मॉनिटरिंग पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा।
तीन महीने में तीन मौतें
ग्रामीणों ने बताया कि पिछले तीन महीनों में रणथंभौर में टाइगर हमले की यह तीसरी घटना है। इससे पहले एक सात वर्षीय बालक कार्तिक सुमन और वन विभाग के रेंजर देवेंद्र चौधरी की भी टाइगर हमले में मौत हो चुकी है। रणथंभौर दुर्ग और आसपास के इलाकों में बाघिन रिद्धि और उसके तीन शावकों, बाघिन एरोहेड और उसके दो शावकों सहित 15 से अधिक टाइगर्स का मूवमेंट बना हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग की लापरवाही के कारण टाइगर्स की गतिविधियों पर नजर नहीं रखी जा रही, जिससे ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं।
वन विभाग की कार्रवाई
वन विभाग की टीम ने राधेश्याम के शव को बरामद कर पोस्टमॉर्टम के लिए जिला अस्पताल भेजा। विभाग ने टाइगर की मॉनिटरिंग बढ़ाने और क्षेत्र में सुरक्षा के लिए कदम उठाने की बात कही है। हालांकि, ग्रामीणों का गुस्सा अभी शांत नहीं हुआ है और वे ठोस कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।