दौसा: राजस्थान के दौसा से मार्मिक घटनाक्रम सामने आया है। यहां सदर थाना पुलिस और मानव तस्करी विरोधी यूनिट ने एक बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए एक साल से लापता सगे भाई-बहन को सकुशल डिटेन कर लिया है। यह दोनों मासूम करीब एक वर्ष पूर्व दौसा के भंडाना गांव के समीप से लापता हो गए थे। बताया जा रहा है कि 7 वर्षीय बालिका और 10 वर्षीय बालक पिछले साल जून के महीने में अचानक गायब हो गए थे। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने उनकी तलाश जयपुर, अलवर, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश सहित कई स्थानों पर की। पुलिस ने बच्चों को खोज निकालने वालों को बीस हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया था।
ऐसे किया प्रयागराज से डिटेन
जांच के दौरान सामने आया कि बच्चों की मां की पहले ही मृत्यु हो चुकी थी। पिता द्वारा आए दिन किए जाने वाले झगड़े से नाराज होकर दोनों बच्चे दौसा से ट्रेन में बैठकर सीधे प्रयागराज पहुंच गए थे। यहां जीआरपी ने उन्हें सीडब्ल्यूसी में पेश किया और जिसके बाद एक संस्था में रहने के लिए भेजा गया और लंबे समय तक वहीं रहे। इधर, बच्चों के लापता होने के कुछ समय बाद उनके पिता की भी मृत्यु हो गई। बच्चों की लापता होने के मामले में तलाशने के लिए किसी भी प्रकार का परिजनों का दबाव नहीं था, बावजूद इसके लगातार पुलिस दोनों बच्चों की तलाश करती रही और लगातार प्रयासों के बाद दोनों बच्चों को प्रयागराज से डिटेन कर लिया।
इस पूरी कार्रवाई में मानव तस्करी विरोधी यूनिट के सहायक उप निरीक्षक दीपक शर्मा की महत्वपूर्ण भूमिका रही। दीपक शर्मा लापता बच्चों को तलाशने के लिए विभिन्न वॉट्सएपग्रुप में जोड़ और उन्हें वॉट्सएप ग्रुप के जरिए दोनों लापता बच्चों का सुराग लगा। इसके बाद में खुद दो अन्य पुलिसकर्मी व एक महिला कांस्टेबल को लेकर प्रयागराज पहुंचे और बच्चों को सकुशल दस्तयाब किया। इधर दौसा पुलिस ने दोनों बच्चों को सीडब्ल्यूसी के समक्ष पेश कर दिया है।
ऐसे किया प्रयागराज से डिटेन
जांच के दौरान सामने आया कि बच्चों की मां की पहले ही मृत्यु हो चुकी थी। पिता द्वारा आए दिन किए जाने वाले झगड़े से नाराज होकर दोनों बच्चे दौसा से ट्रेन में बैठकर सीधे प्रयागराज पहुंच गए थे। यहां जीआरपी ने उन्हें सीडब्ल्यूसी में पेश किया और जिसके बाद एक संस्था में रहने के लिए भेजा गया और लंबे समय तक वहीं रहे। इधर, बच्चों के लापता होने के कुछ समय बाद उनके पिता की भी मृत्यु हो गई। बच्चों की लापता होने के मामले में तलाशने के लिए किसी भी प्रकार का परिजनों का दबाव नहीं था, बावजूद इसके लगातार पुलिस दोनों बच्चों की तलाश करती रही और लगातार प्रयासों के बाद दोनों बच्चों को प्रयागराज से डिटेन कर लिया।वॉट्सएप ग्रुप के जरिए मिला सुराग
इस पूरी कार्रवाई में मानव तस्करी विरोधी यूनिट के सहायक उप निरीक्षक दीपक शर्मा की महत्वपूर्ण भूमिका रही। दीपक शर्मा लापता बच्चों को तलाशने के लिए विभिन्न वॉट्सएपग्रुप में जोड़ और उन्हें वॉट्सएप ग्रुप के जरिए दोनों लापता बच्चों का सुराग लगा। इसके बाद में खुद दो अन्य पुलिसकर्मी व एक महिला कांस्टेबल को लेकर प्रयागराज पहुंचे और बच्चों को सकुशल दस्तयाब किया। इधर दौसा पुलिस ने दोनों बच्चों को सीडब्ल्यूसी के समक्ष पेश कर दिया है।