Please enable javascript.4 साल सजा काटने के बाद निर्दोष, नाबालिग ने लगाया था दुष्कर्म का आरोप, DNA रिपोर्ट से खुल गया 'राज' - acquitted after serving 4 years of imprisonment, minor had accused him of rape dna report revealed the secret raipur - Hindi News Navbharat Times

4 साल सजा काटने के बाद निर्दोष, नाबालिग ने लगाया था दुष्कर्म का आरोप, DNA रिपोर्ट से खुल गया 'राज'

Curated by: अंबिकेश्वर चतुर्वेदी|नवभारतटाइम्स.कॉम

Raipur News: छत्तीसगढ़ के रायपुर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक व्यक्ति को एक नाबालिग से दुष्कर्म के आरोप में सजा हुई थी। चार साल बाद अब वह निर्दोष साबित हुआ है। DNA रिपोर्ट से लड़की के झूठ का खुलासा हुआ।

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(फोटो- नवभारतटाइम्स.कॉम)
रायपुर: जिले के एक विशेष न्यायालय ने एक चौंकाने वाला फैसला सुनाया है। एक व्यक्ति को दुष्कर्म के आरोप में 4 साल की जेल हुई थी, उसे अब निर्दोष साबित कर दिया गया है। यह मामला एक नाबालिग लड़की से जुड़ा है, जिसने अपनी गर्भावस्था को छुपाने और अपने दोस्त को बचाने के लिए झूठा आरोप लगाया था। DNA रिपोर्ट ने इस पूरे मामले का पर्दाफाश कर दिया। इस झूठे आरोप के कारण एक निर्दोष व्यक्ति को 4 साल जेल में बिताने पड़े।


दरअसल, यह मामला लगभग चार साल पहले शुरू हुआ था। एक नाबालिग लड़की गर्भवती पाई गई। जब उससे पूछताछ की गई, तो उसने एक आदमी पर बार-बार बलात्कार करने का आरोप लगाया। उसने कहा कि उसी के कारण वह गर्भवती हुई है। लड़की ने पुलिस और अदालत दोनों को यही बात बताई।


रिपोर्ट देखते ही रोने लगी लड़की

लेकिन, कहानी में एक बड़ा मोड़ तब आया जब DNA रिपोर्ट सामने आई। लड़की ने जिस बच्चे को जन्म दिया था, उसका DNA उस आदमी के DNA से मेल नहीं खाया, जिस पर उसने आरोप लगाया था। इससे पता चला कि लड़की झूठ बोल रही थी। अदालत में जब लड़की को DNA रिपोर्ट दिखाई गई, तो वह रोने लगी। फिर उसने सच बता दिया। उसने कहा कि वह आश्रम से निकाले जाने से डरती थी। इसलिए उसने उस आदमी का नाम लिया, जिसे वह जानती थी। उसने यह भी छुपाया कि वह किसी और लड़के से गर्भवती हुई थी।

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4 साल बाद निर्दोष साबित हुआ शख्स

विशेष न्यायालय ने लड़की की बातों को अविश्वसनीय माना। अदालत ने उस आदमी को रिहा कर दिया, जिस पर झूठा आरोप लगाया गया था। बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि लड़की ने शुरू से ही झूठ बोला। उसने एक निर्दोष व्यक्ति को फंसाया ताकि वह अपने बच्चे के असली पिता को बचा सके। वकील ने यह भी कहा कि लड़की के झूठे बयान के कारण उस आदमी को 4 साल जेल में बिताने पड़े। इस मामले में DNA रिपोर्ट ने अहम भूमिका निभाई। DNA रिपोर्ट से पता चला कि आरोपित व्यक्ति बच्चे का जैविक पिता नहीं है। अदालत ने इसी रिपोर्ट के आधार पर फैसला सुनाया।
अंबिकेश्वर चतुर्वेदी
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अंबिकेश्वर चतुर्वेदी
नवभारत टाइम्स डिजिटल में मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के लिए काम करता हूं। पत्रकारिता में विकल्प अखबार में काम करने के बाद टाइम्स इंटरनेट तक पहुंचा। उत्तर प्रदेश के देवरिया से सफर की शुरुआत की। अब भोपाल में कार्य कर रहा हूं। पॉलिटिकल, क्राइम और हेल्थ पर खबरें लिखने में रुचि रखता हूं।... और पढ़ें
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