देशभर में चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 30 मार्च से हो गई है. ऐसे में इस नवरात्रि पर आप अगर अपने परिवार के साथ माता के प्राचीन मंदिरों के दर्शन करने की योजना बनाना चाहते हैं तो हम आपको राजस्थान जाने की सलाह देते हैं। बता दें, राजस्थान में मां दुर्गा के कई प्राचीन मंदिर और शक्तिपीठ हैं, जिनके दर्शन करने के लिए पूरे देशभर से यात्री आते हैं। यही नहीं इन मंदिरों की काफी मान्यता भी है। कहा जाता है इन मंदिरों के दर्शन करने के बाद सभी बिगड़े हुए काम बन जाते हैं और हर मनोकामना पूरी होती है। आइए जानते हैं इन मंदिरों के नाम।
करणी माता मंदिर चूहों का मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है। बता दें, ये राजस्थान के बीकानेर जिले में देशनोक में स्थित है। ये मंदिर देवी करणी माता को समर्पित एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है। मंदिर में बड़ी संख्या में चूहे रहते हैं, जिन्हें करणी माता का अवतार माना जाता है, खासकर सफेद चूहों को। यहां नवरात्रि पर विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है।
चामुंडा माता मंदिर जोधपुर, राजस्थान में मेहरानगढ़ किले के दक्षिणी छोर पर स्थित है। यह पवित्र मंदिर देवी दुर्गा के अवतार चामुंडा देवी को समर्पित है। नवरात्रि के दौरान यहां माता के अनोखे श्रृंगार को देखने के लिए दूर - दूर से भक्त आते हैं।
शिला देवी मंदिर भारत के राजस्थान राज्य के जयपुर नगर में आमेर महल में स्थित एक मंदिर है। जिसकी काफी मान्यता है। शिला देवी जयपुर के कछवाहा वंशीय राजाओं की कुलदेवी रही हैं। नवरात्रि के दौरान यहां विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है। मंदिर शिला माता के 'लक्खी मेले' के लिए प्रसिद्ध है।
राजस्थान के करौली जिले में स्थित कैला देवी मंदिर एक प्राचीन मंदिर है। नवरात्रि के दौरान यहां बड़ी संख्या में भक्तों की भीड़ उमड़ती है। यह मंदिर देवी कैला देवी जी को समर्पित है और दुनिया भर में कई लोग उन्हें आदि शक्ति के अवतार के रूप में पूजते हैं।
अंबाजी मंदिर, जिसे अरासुरी अम्बाजी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, बता दें, ये गुजरात और राजस्थान की सीमा के पास, अरासुर पर्वत पर स्थित है। यह मां शक्ति के 51 शक्तिपीठों में से एक प्रमुख शक्तिपीठ है। नवरात्रि के दौरान यहां आपको अलग ही रौनक देखने को मिलेगी। पूरे मंदिर को दुल्हन की तरह सजाया जाता है। मंदिर लगभग 1200 साल पुराना माना जाता है।