नई दिल्ली: दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना और दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने ओखला लैंडफिल साइट पर कचरे की बायोमाइनिंग के बाद खाली हुई जमीन पर वृक्षारोपण की शुरुआत की। लैंडफिल साइट पर पल्यूशन कंट्रोल करने के साथ-साथ हरियाली बढ़ाने के लिए यहां 8000 बांस के पौधे लगाए गए हैं। इससे पहले भलस्वा लैंडफिल साइट पर भी बांस के पौधे लगाए जा चुके हैं।
इस मौके पर मेयर राजा इकबाल सिंह, दिल्ली सरकार में पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा, साउथ दिल्ली से सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी, सेंट्रल जोन की अध्यक्ष योगिता सिंह, निगम पार्षद सुगंधा बिधूड़ी, दिल्ली के मुख्य सचिव धर्मेंद्र, MCD कमिश्नर अश्विनी कुमार, अडिशनल कमिश्नर पंकज नरेश अग्रवाल और सेंट्रल जोन के डीसी दिलखुश मीणा सहित MCD के कई सीनियर अधिकारी मौजूद रहे।
दिल्ली की CM की ऊर्जा देखकर काफी संतुष्टि हुई
LG विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि दिल्ली की मुख्यमंत्री की ऊर्जा देखकर काफी संतुष्टि हुई। उन्होंने कहा कि मेरा सपना था कि जब तक हम दिल्ली के मुख्यमंत्री में ऊर्जा नहीं देखेंगे तब तक दिल्ली का कायाकल्प नहीं हो सकता। मेरे पास CM की तारीफ के लिए शब्द नहीं हैं। जब से वह मुख्यमंत्री बनी हैं 24 घंटे दिल्ली के कायाकल्प करने में जुटी हुई हैं। उन्होंने कहा कि आज का बांस पौधारोपण का कार्यक्रम भले ही छोटा लगे किंतु इसका महत्व बहुत अधिक है। दिल्ली में पिछले तीन सालों में 1,70,000 बांस के पौधे लगाए गए हैं और आज के 8000 पौधे मिलकर यह संख्या 178000 तक पहुंच गई है।
बांस 30 प्रतिशत तक अधिक ऑक्सीजन देता है
LG ने कहा कि बांस का पौधा दिल्ली के प्रदूषण को देखते हुए काफी उपयोगी है क्योंकि बांस 30 पर्सेंट तक अधिक ऑक्सीजन देता है। उन्होंने कहा कि बांस के पौधे को ज्यादा रखरखाव की आवश्यकता नहीं होती और यह थोड़े से पानी में भी काफी तेजी से बढ़ता है। इस दौरान CM रेखा गुप्ता ने कहा कि ओखला स्थित 62 एकड़ में फैले इस 60 मीटर ऊंचे कूड़े के पहाड़ को शीघ्रता से काम करते हुए 40 मीटर पर ला दिया गया है। ओखला लैंडफिल साइट पर स्थित 60 लाख मीट्रिक टन कूड़े का पहाड़ इस समय घटकर 28 लाख मीट्रिक टन रह गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसा क्या हुआ कि 100 दिनों के अंदर दिल्ली बदली बदली नजर आने लगी है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में अब नाम करने वाली नहीं काम करने वाली सरकार है जिसका पूरा श्रेय दिल्ली की जनता को जाता है। उन्होंने कहा कि आज जब हर मंच पर लोग हमसे हमारे भविष्य की योजनाओं के बारे में पूछते हैं तो हम कहते हैं कि हम आपको लगातार काम करके दिखाएंगे और आज कितना बड़ा क्षेत्र कूड़ामुक्त करके यहां पर 8000 बांस के पौधे लगाए जा रहे हैं।
कूड़े की समस्या को दूर करने के लिए 2 ठोस कदम
CM ने कहा कि दिल्ली में प्रतिदिन 11000 मीट्रिक टन कचरे का उत्पादन होता है और इसमें से प्रतिदिन 7000 टन का प्रोसेस हो पाता है। रोजाना 4000 टन अतिरिक्त कूड़ा जमा होता है जिसके चलते 2-3 साल में लीगेसी वेस्ट की एक नई समस्या खड़ी हो सकती है। उन्होंने कहा कि इस समस्या को दूर करने के लिए दिल्ली सरकार दो नए वेस्ट टू एनर्जी प्लांट और मौजूदा दो प्लांटों की क्षमता बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है ताकि जो कूड़ा प्रोसेस की क्षमता 7000 टन है उसे बढ़ाकर आने वाले समय में 15000 टन प्रतिदिन किया जा सके।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में 11 डेयरी कॉलोनियां हैं और उनमें एक भी बायोगैस प्लांट नहीं था। इन 11 कॉलोनियों में सैकड़ों डेयरियां और हजारों की संख्या में पशुधन होने के बावजूद पिछली सरकार ने एक भी बायोगैस प्लांट नहीं लगाया। जिसके चलत डेयरियों का गोबर यमुना में बहाया जा रहा था। पहली बार सरकार ने इस समस्या का संज्ञान लेते हुए 11 डेयरी कॉलोनियों में आवश्यकतानुसार बायोगैस संयंत्र स्थापित करने का निर्णय लिया है।
इस मौके पर मेयर राजा इकबाल सिंह, दिल्ली सरकार में पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा, साउथ दिल्ली से सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी, सेंट्रल जोन की अध्यक्ष योगिता सिंह, निगम पार्षद सुगंधा बिधूड़ी, दिल्ली के मुख्य सचिव धर्मेंद्र, MCD कमिश्नर अश्विनी कुमार, अडिशनल कमिश्नर पंकज नरेश अग्रवाल और सेंट्रल जोन के डीसी दिलखुश मीणा सहित MCD के कई सीनियर अधिकारी मौजूद रहे।
दिल्ली की CM की ऊर्जा देखकर काफी संतुष्टि हुई
LG विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि दिल्ली की मुख्यमंत्री की ऊर्जा देखकर काफी संतुष्टि हुई। उन्होंने कहा कि मेरा सपना था कि जब तक हम दिल्ली के मुख्यमंत्री में ऊर्जा नहीं देखेंगे तब तक दिल्ली का कायाकल्प नहीं हो सकता। मेरे पास CM की तारीफ के लिए शब्द नहीं हैं। जब से वह मुख्यमंत्री बनी हैं 24 घंटे दिल्ली के कायाकल्प करने में जुटी हुई हैं। उन्होंने कहा कि आज का बांस पौधारोपण का कार्यक्रम भले ही छोटा लगे किंतु इसका महत्व बहुत अधिक है। दिल्ली में पिछले तीन सालों में 1,70,000 बांस के पौधे लगाए गए हैं और आज के 8000 पौधे मिलकर यह संख्या 178000 तक पहुंच गई है।
बांस 30 प्रतिशत तक अधिक ऑक्सीजन देता है
LG ने कहा कि बांस का पौधा दिल्ली के प्रदूषण को देखते हुए काफी उपयोगी है क्योंकि बांस 30 पर्सेंट तक अधिक ऑक्सीजन देता है। उन्होंने कहा कि बांस के पौधे को ज्यादा रखरखाव की आवश्यकता नहीं होती और यह थोड़े से पानी में भी काफी तेजी से बढ़ता है। इस दौरान CM रेखा गुप्ता ने कहा कि ओखला स्थित 62 एकड़ में फैले इस 60 मीटर ऊंचे कूड़े के पहाड़ को शीघ्रता से काम करते हुए 40 मीटर पर ला दिया गया है। ओखला लैंडफिल साइट पर स्थित 60 लाख मीट्रिक टन कूड़े का पहाड़ इस समय घटकर 28 लाख मीट्रिक टन रह गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसा क्या हुआ कि 100 दिनों के अंदर दिल्ली बदली बदली नजर आने लगी है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में अब नाम करने वाली नहीं काम करने वाली सरकार है जिसका पूरा श्रेय दिल्ली की जनता को जाता है। उन्होंने कहा कि आज जब हर मंच पर लोग हमसे हमारे भविष्य की योजनाओं के बारे में पूछते हैं तो हम कहते हैं कि हम आपको लगातार काम करके दिखाएंगे और आज कितना बड़ा क्षेत्र कूड़ामुक्त करके यहां पर 8000 बांस के पौधे लगाए जा रहे हैं।
कूड़े की समस्या को दूर करने के लिए 2 ठोस कदम
CM ने कहा कि दिल्ली में प्रतिदिन 11000 मीट्रिक टन कचरे का उत्पादन होता है और इसमें से प्रतिदिन 7000 टन का प्रोसेस हो पाता है। रोजाना 4000 टन अतिरिक्त कूड़ा जमा होता है जिसके चलते 2-3 साल में लीगेसी वेस्ट की एक नई समस्या खड़ी हो सकती है। उन्होंने कहा कि इस समस्या को दूर करने के लिए दिल्ली सरकार दो नए वेस्ट टू एनर्जी प्लांट और मौजूदा दो प्लांटों की क्षमता बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है ताकि जो कूड़ा प्रोसेस की क्षमता 7000 टन है उसे बढ़ाकर आने वाले समय में 15000 टन प्रतिदिन किया जा सके।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में 11 डेयरी कॉलोनियां हैं और उनमें एक भी बायोगैस प्लांट नहीं था। इन 11 कॉलोनियों में सैकड़ों डेयरियां और हजारों की संख्या में पशुधन होने के बावजूद पिछली सरकार ने एक भी बायोगैस प्लांट नहीं लगाया। जिसके चलत डेयरियों का गोबर यमुना में बहाया जा रहा था। पहली बार सरकार ने इस समस्या का संज्ञान लेते हुए 11 डेयरी कॉलोनियों में आवश्यकतानुसार बायोगैस संयंत्र स्थापित करने का निर्णय लिया है।