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लिंग के ऊपर कुछ बारीक-बारीक फुंसियां हो गई हैं, क्या करूं?

Authored by: करण |नवभारतटाइम्स.कॉम

क्या यह किसी इंफेक्शन के कारण हुआ है? मैंने आज तक किसी के भी साथ संबंध नहीं बनाया है, फिर ऐसा कैसे हो गया? मैंने अपने दोस्त को इस बारे में बताया तो उसने कहा कि यह उपदंश रोग है।

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(फोटो- नवभारतटाइम्स.कॉम)
डॉ. अशोक गुप्ता,
सेक्सोलोजिस्ट, चांदनी चौक, नई दिल्ली।

सवाल: मैं 25 वर्षीय एक युवक हूं। मेरे लिंग के ऊपर कुछ बारीक-बारीक फुंसियां हो गई हैं, जो पिछले 3-4 महीने से हैं। क्या यह किसी इंफेक्शन के कारण हुआ है? मैंने आज तक किसी भी लड़की के साथ सेक्स नहीं किया है, फिर ऐसा कैसे हो गया? मैंने अपने दोस्त को इस बारे में बताया तो उसने कहा कि यह उपदंश रोग है। कृपया मेरी समस्या का समाधान करें।

जवाब: आपकी समस्या स्किन से संबंधित है, जो किसी इंफेक्शन के कारण हुई है। फुंसियां शरीर में कहीं भी विकसित हो सकती हैं, जहां रोमछिद्र हैं। इसका मतलब है कि वे लिंग सहित आपके शरीर पर कहीं भी बन सकते हैं। चूंकि लिंग शरीर का एक सेंसिटिव अंग है, इसलिए इसकी संवेदनशील प्रकृति को देखते हुए, कुछ विशिष्ट लक्षण हैं जिन्हें आपको आत्म निदान का प्रयास करने से पहले जांचना चाहिए। लिंग के आस-पास होने वाले अन्य थक्कों और गांठ पूरी तरह से कुछ और भी हो सकते हैं, जिसकी चिकित्सा की आवश्यकता हो सकती है। यह आपकी गलतफहमी है कि यह कोई सेक्सुअल समस्या है। आप चिंतित न हो कि आप उपदंश रोग से ग्रसित हैं।

जीवाणु संक्रमित रोग है
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क्योंकि उपदंश यानी सिफलिस रोग एक जीवाणु संक्रमित रोग है, जो आमतौर पर यौन संपर्क से फैलता है और दर्दरहित दर्द के रूप में शुरू होता है। सिफलिस "टी. पलीदम पैलिडम" बैक्टीरिया से फैलनेवाला संक्रमण है, जो स्किन पर होनेवाले सिफलिटिक छाले और श्लेष्मा झिल्ली में प्रत्यक्ष तौर पर हस्तांतरित होता है। यह एक यौन संचारित संक्रमण है।

पुराना और कारगर इलाज
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सिफलिस कई चरणों में विकसित होता है और प्रत्येक चरण के साथ लक्षण भिन्न होते हैं। पहले चरण में जननांगों, मलाशय या मुंह पर दर्द रहित दर्द होता है। प्रारंभिक घावों के ठीक होने के बाद, दूसरे चरण में चकत्ते निकलते हैं। यदि इलाज नहीं करवाया जाए तो इसके लक्षण अंतिम चरण में दिखाई देते हैं, जो कई वर्षों बाद भी हो सकते हैं। इस अंतिम चरण में मस्तिष्क, नसों, आंखों, हड्डियों और हृदय को नुकसान पहुंचा सकता है। इसका इलाज पेन्सिलिन नामक एंटीबायोटिक से किया जाता है। यह सबसे पुराना और कारगर इलाज है।

अपने गुप्तांगों को किसी सौम्य साबुन से साफ करें और गुनगुने पानी से धोएं। ऐसा दिन में 3-4 बार करें। आपकी समस्या जल्द ही दूर हो जाएगी। कॉटन के ढीले-ढाले अंडरगारमेंट्स पहनें। साथ ही किसी स्किन स्पेशलिस्ट या डर्मोटोलॉजिस्ट को दिखाएं।
लेखक के बारे में
करण
करण बतौर कंटेंट राइटर नवभारत टाइम्स की लाइफस्टाइल टीम से लंबे समय से जुड़े हैं। सेक्सुअल हेल्थ से संबंधित विषयों के बारे में यह अच्छी समझ रखते हैं। इसके साथ ही हेल्थ विशेषज्ञों से बातचीत करके पाठकों तक उनके सवालों के जवाब को आसान भाषा में पहुंचाने का उन्हें बेहतरीन अनुभव है।... और पढ़ें
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