Indore Sonam Missing Case Special 17 Team Descends Into Meghalayas Death Valley Husbands Body Found Wifes Search Continues
सोनम के लिए मौत की खाई में उतरी टीम 'स्पेशल-17', कश्मीर से सीधा कनेक्शन... इन तीन खतरों के पीछे छिपा है सच
इंदौर के राजा रघुवंशी और सोनम की शादी महज 11 दिनों बाद एक भयानक मोड़ पर मुड़ गई। हनीमून के लिए मेघालय गए इस जोड़े में से राजा का शव मिला है, जबकि सोनम लापता हैं।
नई दिल्ली: 11 दिन की शादी, हनीमून का प्लान... एक मौत और एक तलाश। इंदौर के राजा रघुवंशी और सोनम की कहानी अब महज इन शब्दों में सिमटकर रह गई है। इस बात का ख्याल आते ही कलेजा कांप जाता है कि जिस सोनम के हाथों की मेहंदी का रंग अभी उतरा भी नहीं होगा, उसका सुहाग किसी ने इतनी बेरहमी से उजाड़ दिया। दोनों 20 मई को मेघालय के लिए निकले थे, लेकिन 22 मई के बाद लापता हो गए। 11 दिन बाद राजा की लाश मिली और दोनों में से एक की उम्मीद खत्म हो गई। अब सोनम कहां है, किस हाल में है... सोच-सोचकर परिवार के लोगों की आंखें भीग रही हैं।
राजा रघुवंशी की लाश मिल चुकी है, लेकिन सोनम अभी तक लापता हैं (बैकग्राउंड में एआई तस्वीर) (फोटो- नवभारतटाइम्स.कॉम)
मेघालय पुलिस को राजा रघुवंशी की लाश एक झरने के पास, खाई में सड़ी-गली हालत में मिली। लाश के पास एक दाओ भी मिला, जिसका इस्तेमाल आमतौर पर जंगल में लकड़ी काटने या फिर मांस काटने के लिए किया जाता है। इनके अलावा एक लेडीज शर्ट, दवाई का पत्ता, मोबाइल की टूटी हुई स्क्रीन और उनकी स्मार्टवॉच बरामद हुई। राजा रघुवंशी के गायब सामान में उनका पर्स, सोने की अंगूठी, हीरे का ब्रेसलेट और चेन गायब है। गुरुवार को 3XL साइज का एक रेनकोट भी पुलिस को मिला।
राजा की लाश मिलने के बाद अब सोनम की तलाश की जा रही है। हालांकि, मौसम की वजह से बार-बार सर्च ऑपरेशन में रुकावटें भी आ रही हैं। सोनम की तलाश में जुटी पुलिस और एनडीआरएफ की टीम वेई सॉडोंग जलप्रपात इलाके के आसपास वाले घने जंगल में चप्पा-चप्पा तलाश रही है। लेकिन, भारी बारिश की वजह से टीम को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। बचाव अधिकारियों का कहना है कि सोनम जिस इलाके में लापता हुई है, वह भारत के सबसे चुनौतीपूर्ण इलाकों में से एक है। यहां खतरनाक फिसलन है।
स्पेशल टीम के सामने 3 खतरे
सोनम को तलाशने के लिए एक खास टीम को जंगलों में उतारा गया है। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एनडीआरएफ की फर्स्ट बटालियन के इंस्पेक्टर लालरिंगसन ने बताया कि वेई सॉडोंग इलाके में यह खड़ी खाई उनकी टीम के लिए पहली और सबसे बड़ी चुनौती है। इस घुमावदार इलाके की दूसरी समस्या यहां की विजिबिलिटी (दृश्यता) है। थोड़ी दूरी पर ही किसी को देख पाना बेहद मुश्किल है।
इस तरह के ऑपरेशन के लिए काफी अनुभवी माने जाने वाले इंस्पेक्टर लालरिंगसन ने बताया कि मिट्टी गीली है और पत्थर फिसलन भरे हैं, जो तीसरा बड़ा खतरा है। उनकी टीम 200 मीटर नीचे तक उतरने में सफल रही है, लेकिन अभी भी जमीन तक नहीं पहुंच पाए हैं। उनकी टीमों ने कश्मीर में शून्य से नीचे के तापमान और राजस्थान की चिलचिलाती गर्मी में भी काम किया है, लेकिन सोहरा का इलाका अलग ही तरह की मुश्किलें दिखा रहा है।
आखिरी 100 फीट सबसे बड़ी चुनौती
उन्होंने बताया कि सोहरा का इलाका, भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी इस तरह के इलाकों से बहुत अलग है। उनकी टीम ने इस खड़ी खाई में जमीन तक पहुंचने के लिए रस्सियों से उतरने के उपकरण का इस्तेमाल करके पूरी कोशिश की है। 17 सदस्यों की यह टीम पिछले कई दिनों से सोनम का पता लगाने की कोशिश कर रही है, लेकिन मौसम की वजह से 300 फुट गहरी खाई के आखिरी 100 फीट तक पहुंचना काफी मुश्किल हो रहा है।
दूसरी तरफ, लगातार बारिश होने की वजह से ड्रोन भी प्रभावी तरीके से उड़ान नहीं भर पा रहे हैं। तलाशी अभियान में स्पेशल ऑपरेशन टीम, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, फायर ब्रिगेड और आपातकालीन सेवाओं सहित कई एजेंसियों के 50-60 जवान शामिल हैं। सोनम के भाई गोविंद भी घटनास्थल पर मौजूद हैं। थोड़ी उम्मीद उस वक्त जगी, जब व्यू पॉइंट के पास से एक काला रेनकोट बरामद हुआ, हालांकि इसके आगे कोई लीड नहीं मिली है। रेनकोट पर कुछ दाग हैं, लेकिन इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि ये दाग खून के हैं या नहीं।
किराए की स्कूटी, गाइड और आखिरी रात
इस बीच, राजा रघुवंशी और सोनम का एक नया सीसीटीवी फुटेज सामने आया है। इस फुटेज में वे 22 मई को अपने होटल में दिखाई दे रहे हैं। इसके अलावा दोनों को शिलांग में एक साथ चेक इन करते हुए भी देखा गया। वीडियो में, सोनम अपने पति के साथ रजिस्ट्री बुक के सामने बातचीत करते हुए दिखाई दे रही है। इस वीडियो को भी अहम सुराग के तौर पर देखा जा रहा है, लेकिन ऐसी कोई लीड अब तक नहीं मिली, जिससे सोनम के बारे में कोई जानकारी मिल सके।
22 मई को राजा और सोनम ने किराए की स्कूटी ली और माव्लाखियाट गांव पहुंचे। इसके बाद उन्होंने एक स्थानीय गाइड को हायर किया, जो उन्हें नोंग्रियाट गांव के शिपारा होमस्टे ले गया। यहां राजा और सोनम ने रात बिताई। अगली सुबह ये दोनों चेक आउट करके गाइड के बिना ही माव्लाखियाट गांव लौट आए। माव्लाखियाट छोड़ने के बाद उनका संपर्क परिवार से टूट गया। राजा की लाश 2 जून को सुबह 11.48 बजे ड्रोन के जरिए वेई सावडोंग जलप्रपात के नीचे खाई में देखी गई।
दिल्ली यूनिवर्सिटी साउथ कैंपस से 2010 में पत्रकारिता करने के बाद अमर उजाला डिजिटल से करियर की शुरुआत की। अमर उजाला में करीब साढ़े पांच साल की लंबी पारी के बाद हिंदी वनइंडिया में न्यूज डेस्क को लीड किया। इस समय नवभारत टाइम्स में क्राइम सेक्शन को संभाल रहा हूं। साथ ही राजनीतिक मुद्दों पर लिखने में भी दिलचस्पी है।... और पढ़ें
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