Please enable javascript.मृत्यु से पहले सुकरात ने जो कहा, जानेंगे तो दंग रह जाएंगे - sukrat death stoy death is a pleasure - Navbharat Times

मृत्यु से पहले सुकरात ने जो कहा, जानेंगे तो दंग रह जाएंगे

Produced by: राकेश झा|नवभारत टाइम्स

महान दार्शनिक सुकरात ने अपनी मृत्यु के समय जो कुछ कहा वह कहने के लिए बड़ा कलेजा और साहस चाहिए। जहर को चाय कॉफी की तरह पी गए और फिर जब शिष्यों ने पूछा आप दर्द में हैं, तो यह बोलकर सभी को हैरान कर दिया।

मृत्यु का आनंद
(फोटो- नवभारतटाइम्स.कॉम)
प्राचीन काल में यूनान में एक महान दार्शनिक हुए सुकरात। देवताओं पर विश्वास नहीं करने, युवाओं को भड़काने जैसे आरोपों में उन्हें मौत की सजा सुनाई गई थी। उनके लिए जहर तैयार किया जा रहा था। सूर्यास्त से पहले जहर देने का आदेश था। दोपहर ढल चुकी थी और शाम होने को थी। जो सैनिक उनके लिए जहर तैयार कर रहा था, उसके पास जाकर सुकरात ने कहा, 'विलंब क्यों कर रहे हो, जरा जल्दी करो।' सैनिक चकित होकर बोला, 'आप क्या कह रहें हैं! मैं तो जान-बूझकर धीरे-धीरे कर रहा हूं।' सुकरात ने कहा, 'अपने कर्तव्य का पालन करने में ढिलाई नहीं बरतनी चाहिए।' उनकी बातें सुन वहीं बैठे कुछ शिष्य रो पड़े।

एक ने कहा, 'आप हम लोगों के साथ ऐसा क्यों कर रहे हैं? आपका जीवन हम सबके लिए कीमती है। अब भी वक्त है। जेल के सारे सिपाही हमारे साथ हैं। हम सब आपको यहां से लेकर सुरक्षित जगह चले चलते हैं।' सुकरात ने पहले रोते हुए शिष्यों को झिड़का, फिर अन्य शिष्यों से बोले ' तुम लोग इस मिट्टी की देह के लिए क्यों इतने परेशान हो? मेरे विचार तो हमेशा तुम्हारे साथ रहेंगे। इस देह के लिए मैं चोरों की तरह भाग जाऊं और छिपकर रहूं? मैंने इस जीवन का बहुत आनंद लिया, अब मैं मृत्यु का आनंद लेना चाहता हूं।'

सांझ ढलने को आ गई थी। जहर का प्याला लाया गया। जैसे लोग चाय-कॉफी लेते हैं, वैसे ही सुकरात ने जहर का प्याला उठाया और उसे खाली कर दिया। जहर पीकर वह लेट गए। शिष्यों ने पूछा, 'प्रभो! बहुत पीड़ा हो रही होगी।' सुकरात ने मुस्कुराते हुए कहा, 'शिष्यो! यह मेरे जीवन के जागरण का अवसर है। अब मैं हृदय, मन, विचार और शरीर से अलग हो गया हूं।' अपने जीवन से ही नहीं, मौत से भी सुकरात मनुष्यता को अमर संदेश देते गए।

संकलन : ललित गर्ग
राकेश झा
लेखक के बारे में
राकेश झा
"पं. राकेश झा वैदिक ज्योतिष में करीब 16 वर्षों का कार्यानुभव रखते हैं। मनुष्य के जीवन को दिशा और दशा प्रदान करने वाले सितारों और नक्षत्रों के प्रति इनका ज्ञान समृद्ध और व्यवहारिक है। ग्रह नक्षत्रों की स्थिति और प्रभाव को यह बारीकी से समझते हैं और उसकी व्याख्या करते हैं। वैदिक ज्योतिष के साथ ही अंकज्योतिष, टैरो कार्ड्स के माध्यम से भी यह अपने पाठकों और ज्योतिष विषय में रुचि रखने वाले महानुभावों को परामर्श देकर उनका उचित मार्गदर्शन करते आए हैं। इसके साथ ही दैनिक राशिफल और ग्रह गोचर संबंधी विषयों और उनके प्रभावों से भी यह ज्योतिष विषयों में रुचि रखने वालों को सटीक जानकारी प्रदान करके उनका मार्गदर्शन करते हैं। ग्रहों के गोचर, ग्रहों की दशा, महादशा और अंतर्दशा से उनके जीवन पर होने वाले प्रभावों के अनुसार उपाय भी जो यह बताते वह सरल और बेहद लाभकारी होते हैं। इससे प्रतिकूल परिस्थितियों को पार करने का बल और सामर्थ्य भी प्राप्त होता है। ज्योतिष और आध्यात्मिक विषयों के साथ ही संगीत में भी इनकी गहरी रुचि है। दरअसल इनका मानना है कि संगीत का संबंध ईश्वर से है जो हमारी आत्मा को परमात्मा से जोड़ने का काम करता है। संगीत में वह शक्ति है जो आत्मिक शांति प्रदान करता है और जीवन के प्रति एक अलग सोच और दिशा प्रदान करता है। इसलिए यह नियमित संगीत के साथ मंत्र जप और ध्यान का अभ्यास भी करते हैं जिससे इनका ज्योतिष और आध्यात्मिक ज्ञान नित नए सोपान चढता प्रतीत होता है। पं. राकेश झा के वर्षों के अनुभव और निरंतर सीखने की इच्छा को देखते हुए यह विश्वास के साथ कहा जा सकता है कि यह अपने पाठकों के लिए एक सच्चे और भरोसेमंद मित्र की तरह हैं जो उन्हें ज्योतिष और अध्यात्म के पथ पर सद्मार्ग दिखा सकते हैं।"... और पढ़ें
कन्वर्सेशन शुरू करें

अगला लेख

Astroकी ताजा खबरें, ब्रेकिंग न्यूज, अनकही और सच्ची कहानियां, सिर्फ खबरें नहीं उसका विश्लेषण भी। इन सब की जानकारी, सबसे पहले और सबसे सटीक हिंदी में देश के सबसे लोकप्रिय, सबसे भरोसेमंद Hindi Newsडिजिटल प्लेटफ़ॉर्म नवभारत टाइम्स पर