Jun 18, 2025
By: Arunima Soniबच्चों को बड़ा ऐसे करें कि उनमें काॅन्फिडेंस कूट-कूट कर भरा हो। वह खुद पर गर्व महसूस करते हों। यहां हमने ऐसी बातें बताई हैं जो आपको अपने बच्चों से कहनी चाहिए।
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अपने बच्चे को डाइरेक्टली स्मार्ट या ऐसे किसी संबोधन में बांधने की बजाए उन्हें यह कह कर प्रेरित करें, कि तुमने सच में इस काम पर मेहनत भी बहुत की थी।
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यह न कहें, बल्कि कहें, हरे वाह, तुम्हारी चाॅइस ब्रेव थी। तुमने साहस दिखाया। इससे उन्हें डर की फीलिंग महसूस करने के बजाए, डरने के बावजूद साहस के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है।
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गलत शब्द अपने आप में निगेटिव है। और गलती जाने बिना बच्चे पर इसे थोपना उससे भी बड़ी गलती। इसके बजाए, गलती होना नाॅर्मल है। गलतियों से ही तो हम सीखते हैं, उन्हें नॉर्मल रहते हुए, सीखने की ओर प्रेरित करती हैं।
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बच्चे को अपने आॅरा में लेने की बजाए, वो चाहे कोई चीज देर में ही सॉल्व क्यों न करे, उसे सेलिब्रेट करें। इसका मतलब केक काटना नहीं है, बल्कि उसकी पीठ पर शाबाशी वाला हाथ फेर दें। और कहें, मुझे पता था तुम कर लोगे।
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यह बहुत ही बड़ा विस्त्रत शब्द है। अच्छे बनो, कहने की बजाए, कहें, हां, मैंने देखा तुमने कितने अच्छे से उनका ख्याल रखा! मैंने देखा तुमने कितनी दया दिखाई!
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यह कहकर तो आपने उसकी सोच पर ही ताला लगा दिया। इसके बजाए कहें, थोड़ा और सोचो। क्रिएटिविटी जगाने का सबसे अच्छा मूलमंत्र।
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परफेक्शन का ऑर्डर देने की बजाए, तुम बस अपनी मेहनत करो, रिजल्ट पर फोकस मत करो। तुम वैसे भी अमेजिंग हो। यह कहने से मेहनत करने की इच्छा दोगुनी किसकी नहीं होगी!
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यह वाक्य सुनने में ही कितना निगेटिव है। इसके बजाए उनसे कहें, अरे, तुमने बताया क्यों नहीं! मैं हेल्प करती। ताकि उन्हें लगे कि किसी की हेल्प लेना, दुनिया का आठवां आश्चर्य नहीं होता है!
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