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राहुल गांधी की फिर बढ़ेंगी मुश्किलें, MP-MLA कोर्ट में परिवाद दायर, जान लीजिए मामला

Compiled by: अभिषेक शुक्ला|नवभारतटाइम्स.कॉम

हाथरस जिले में एमपी एमएलए कोर्ट में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के खिलाफ परिवाद दायर किया गया है। बुलगढ़ी कांड में बरी तीन युवकों को राहुल गांधी आरोपी बताया गया था।

हाइलाइट्स

  • राहुल गांधी पर मानहानि का मामला दर्ज, 50 लाख की मांग की गई
  • कोर्ट ने तीन आरोपियों को बरी किया, एक को मिली आजीवन कारावास की सजा
  • राहुल गांधी ने परिवार से मिलने के बाद सोशल मीडिया पर पोस्ट की थी
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(फोटो- नवभारतटाइम्स.कॉम)
सूरज मौर्या, हाथरस: उत्तर प्रदेश हाथरस जिले में एमपी एमएलए कोर्ट में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के विरुद्ध परिवाद दायर किया गया है। राहुल गांधी द्वारा कोर्ट से बरी तीन लोगो को आरोपी बताया गया था। आपको बता दे 12 दिसंबर को राहुल गांधी चंदपा कोतवाली क्षेत्र के गांव बूलगढी़ आए थे। इस गांव में सितंबर 2020 में एक युवती से दरिंदगी हुई थी और दिल्ली के अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी। यह मामला न्यायालय में चला था और न्यायालय ने इस मामले को गैंग रेप का मामला नहीं माना था। न्यायालय ने इस मामले में तीन आरोपियों को बरी कर दिया था और एक आरोपी संदीप को गैरइरादतन हत्या का दोषी मानते हुए उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

12 दिसंबर को मृत युवती के परिजनों से मिलने के बाद राहुल गांधी ने एक्स पर परिवार के साथ वीडियो और फोटो सोशल मीडिया पर शेयर किया था। इसमें कहां था कि पीड़ित परिवार घर में कैद है और आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं। इसको लेकर बचाव पक्ष की अधिवक्ता मुन्ना सिंह पुंडीर ने राहुल गांधी को 50- 50 लाख रुपए की मानहानि का नोटिस भेजा था और 15 दिन का समय भी दिया था। 15 दिन की अवधि बीत जाने के बाद भी राहुल गांधी ने जब इस नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया।

अधिवक्ता मुन्ना सिंह पुंडीर ने रामकुमार उर्फ रामू पुत्र राकेश निवासी बूलगढी़ थाना चंदपा की ओर से एमपी/एमएलए कोर्ट में परिवाद दायर किया है। न्यायालय ने इस दायर परिवाद में सुनवाई के लिए 10 फरवरी की तिथि नियत की है। इसमें कहा गया है कि परिवादी का विधिक नोटिस अभियुक्त पर सम्यक रूप से तामील हुआ परन्तु प्रतिकर राशि की अदायगी तो क्या अभियुक्त ने नोटिस प्राप्ति के वाबजूद भी नोटिस में दी गयी अवधि में उत्तर देना भी उचित एवं आवश्यक नहीं समझा।

अभियुक्त का यह कृत्य भारतीय न्याय सहिता 2023 की धारा 356(2) के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध है। उपरोक्त परिस्थितियो में अभियुक्त को उक्त अपराध हेतु विचारण हेतु तलब किया जाकर बाद विचारण दन्डित किया जाना एवम 50 लाख रुपया प्रतिकर राशि दिलाया जाना आवश्यक एवं अपेक्षित है। इसलिए श्रीमान जी से प्रार्थना है कि अभियुक्त को परिवादी के लिये अपने सोशल मीडिया एक्स साशय की गई अपमानजनक पोस्ट कर न्यायिक निर्णय की साशय अवमानना एवं अपमानजनक पोस्ट के लिये दण्डित कर प्रतिकर स्वरूप 50 लाख रुपया की राशि दिलाये जाने की कृपा करें।
अभिषेक शुक्ला
लेखक के बारे में
अभिषेक शुक्ला
अभिषेक नवभारत टाइम्स में सीनियर डिजिटल कंंटेंट क्रिएटर के पद पर कार्यरत हैं। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद फिल्म टेलीविजन इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया से फिल्म अप्रिशिएशन का कोर्स किया। दैनिक भास्कर से पेशेवर दुनिया में एंट्री की। अभी एनबीटी के साथ पत्रकारिता में सफर जारी है। सिनेमा और राजनीति में खास दिलचस्पी है।... और पढ़ें
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