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RBI Rate Cut: अब बचेंगे ज्यादा पैसे, इकॉनमी को लगेंगे पंख, आरबीआई ने लगातार तीसरी बार घटाया रेपो रेट

Curated by: दिल प्रकाश|नवभारतटाइम्स.कॉम

आरबीआई की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक 4 जून को शुरू हुई थी। केंद्रीय बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने आज इसमें लिए गए फैसलों की जानकारी दी। अधिकांश अर्थशास्त्रियों रेपो रेट में 25 बीपीएस की कटौती का अनुमान लगाया था।

RBI Governor Sanjay Malhotra MPC Meet
आरबीआई गर्वनर संजय मल्होत्रा एमपीसी बैठक (फोटो- नवभारतटाइम्स.कॉम)
नई दिल्ली: लोन लेने वालों के लिए अच्छी खबर है। आरबीआई ने रेपो रेट में 50 बेसिस पॉइंट की कटौती कर दी है। केंद्रीय बैंक ने लगातार तीसरी बार रेपो रेट में कटौती की है। इससे पहले फरवरी और अप्रैल में रेपो रेट में 25 आधार अंक की कटौती की गई थी। आज की कटौती के साथ अब रेपो रेट 5.5 फीसदी रह गया है। रेपो रेट वह दर होती है जिस पर आरबीआई कमर्शियल बैंकों को लोन देता है। इसके कम होने से आपके होम लोन, पर्सनल लोन और कार लोन की ईएमआई कम हो जाती है। इससे लोगों के पास खर्च करने के लिए ज्यादा पैसे बचेंगे और अर्थव्यवस्था को भी फायदा होगा।

आरबीआई की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक में रेपो रेट में कटौती का फैसला लिया गया। आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी दी। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि वैश्विक स्थिति नाजुक, विभिन्न देशों में आर्थिक परिदृश्य कमजोर बना हुआ है। वैश्विक स्तर पर कमजोर आर्थिक परिदृश्य के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है। आरबीआई ने प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 0.50 प्रतिशत घटाकर 5.50 प्रतिशत किया।

आगे गुंजाइश कम

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि काफी तेजी से रेपो दर में एक प्रतिशत की कटौती के बाद अब मौद्रिक नीति में वृद्धि को समर्थन देने के लिए सीमित गुंजाइश रह गई है। एमपीसी ने साथ ही अपना रुख अकोमोडेटिव से न्यूट्रल कर दिया है। उन्होंने साथ ही कहा कि अब एमपीसी भविष्य की नीति तैयार करने के लिए आय के आंकड़ों और उभरते परिदृश्य का सावधानीपूर्वक आकलन करेगी।

अधिकांश अर्थशास्त्रियों रेपो रेट में 25 बीपीएस की कटौती का अनुमान लगाया था। हालांकि कुछ अर्थशास्त्रियों ने रेपो रेट में 50 बीपीएस की कटौती की मांग की थी। अर्थशास्त्रियों का कहना था कि विकास की गति धीमी है और महंगाई भी काबू में है। ऐसे में RBI के पास मौद्रिक नीति को और आसान बनाने का मौका है। भारत की जीडीपी विकास दर वित्त वर्ष 2024 में 6.5% रही जबकि पिछले साल यह 9.2% थी।

मॉनसून का कमाल

इस साल मॉनसून अच्छा रहने की उम्मीद है और कच्चे तेल की कीमतें भी कम हैं। मौसम विज्ञान विभाग का अनुमान है कि मॉनसून लंबी अवधि के औसत का 106% रहेगा। इससे खरीफ की फसल अच्छी होगी, गांवों में मांग बढ़ेगी और खाने-पीने की चीजों की महंगाई भी काबू में रहेगी। कच्चे तेल की कीमतें इस वित्त वर्ष में औसतन $65-70 प्रति बैरल रहने का अनुमान है, जो पिछले साल के $78.8 से कम है।
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दिल प्रकाश नवभारतटाइम्स.कॉम में असिस्टेंट न्यूज एडिटर हैं। उन्हें पत्रकारिता में 17 साल से अधिक अनुभव है। उन्होंने पत्रकारिता की शुरुआत साल 2006 में यूनीवार्ता से की थी। शुरुआत में खेल डेस्क के लिए काम किया। इस दौरान राष्ट्रमंडल खेल (2010), हॉकी वर्ल्ड कप, आईपीएल और वनडे वर्ल्ड कप (2011) को कवर किया। फिर नेशनल ब्यूरो से जुड़े और पार्लियामेंट से लेकर राजनीति, डिफेंस और पर्यावरण जैसे कई विषयों पर रिपोर्टिंग की। इस दौरान तीन साल तक बीबीसी में भी आउटसाइड कंट्रीब्यूटर रहे। यूनीवार्ता में दस साल तक काम करने के बाद साल 2016 में बिजनस स्टैंडर्ड से जुड़े। फरवरी 2020 में ऑनलाइन का रुख किया।... और पढ़ें
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